SEBI ke Naye Rules – Kya Aap F&O Mein Safe Ho?
SEBI केनएनियम – क्याआप F&O मेंसुरक्षितहो?
नमस्ते दोस्तों, आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे टॉपिक पर जो हर स्टॉक मार्केट ट्रेडर को जानना बहुत ज़रूरी है।
SEBI ने कुछ नए नियम जारी किए हैं जो F&O ट्रेडिंग को पूरी तरह से बदलने वाले हैं!
तो आज के लेख में हम यही जानेंगे, कि इन नए नियमों का आपके ट्रेड्स पर क्या असर होगा और आप कैसे इस नई स्ट्रैटेजी के ज़रिए सुरक्षित रह सकते हैं।
दोस्तों, स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग की दुनिया में Futures और Options, यानी F&O, एक ऐसी श्रेणी है जो लोगों को जल्दी पैसा बनाने का मौका देती है.
लेकिन इसके साथ ही इसमें रिस्क भी छिपा होता है। हर दिन हजारों लोग इस मार्केट में एंटर करते हैं, कुछ जीतते हैं और कुछ हारे हुए निकलते हैं।
लेकिन अब SEBI, जो इंडिया का स्टॉक मार्केट रेगुलेटर है, ने नए नियम लागू करने का फैसला किया है, ताकि F&O ट्रेडिंग को कंट्रोल में रखा जा सके।
Table of Contents
SEBI द्वारा प्रस्तावित सभी नियम
पहला नियम ‘Upfront Collection of Option Premium’
सबसे पहला नियम जो SEBI ने प्रस्तावित किया है वो है ‘Upfront Collection of Option Premium’
इसका मतलब है, कि अगर आप कोई ऑप्शन खरीद रहे हैं, तो उसका प्रीमियम आपको ट्रेड के शुरू में ही देना पड़ेगा।
पहले लोग लिवरेज यानी उधार पर काम करते थे, लेकिन अब SEBI चाह रहा है कि कोई भी एक्स्ट्रा लिवरेज ना मिले, ताकि रिस्क कम हो।
यह आपको कैसे प्रभावित करेगा? सिम्पल अब आपको अपनी पूरी तकनीक और कैपिटल को समझ कर चलना होगा, क्योंकि लेवरेज नहीं मिलने
वाली! यह नियम 1 फरवरी 2025 से लागू होगा।
दूसरा नियम ‘Calendar Spread Treatment’
दूसरा बड़ा बदलाव है, ‘Calendar Spread Treatment’ पहले ट्रेडर्स को एक्सपायरी के दिन अपनी पोजिशन को ऑफसेट करने का फायदा
मिलता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
एक्सपायरी के दिन कोई कैलेंडर स्प्रेड का लाभ नहीं मिलेगा। मतलब, आपको एक्सपायरी के दिन ज्यादा सावधान रहना होगा! ये नियम 1 फरवरी 2025 से शुरू होगा।
तीसरा नियम ‘Intraday Monitoring of Position Limits’
SEBI ने एक और जबरदस्त कदम लिया है– ‘Intraday Monitoring of Position Limits’ अब स्टॉक एक्सचेंजेज दिन में कम से कम 4 बार
आपकी पोजिशन लिमिट्स को मॉनिटर करेंगे, ताकि कोई भी लिमिट क्रॉस ना हो।
यानी, अगर आप बड़े वॉल्यूम के साथ काम करते हैं, तो ये नियम आपको जरूर प्रभावित करेगा। ये नियम equity index derivatives
contracts के लिए 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा।
चौथा नियम ‘Contract Size for Index Derivatives’
अब बात करते हैं, SEBI के चौथे नियम की, जो है ‘Contract Size for Index Derivatives’ SEBI ने अब कॉन्ट्रैक्ट साइज को बढ़ा दिया है!
20 नवंबर 2024 से, कॉन्ट्रैक्ट साइज ₹15 लाख होगा। यानी अगर आप फ्यूचर्स या ऑप्शंस में काम करते हैं, तो अब आपको ज़्यादा कैपिटल चाहिए
होगा। यह एक बड़ा कदम है, जो ट्रेडिंग को थोड़ा चयनात्मक और अनुशासित बनाएगा।”
पांचवा नियम ‘Limiting Weekly Index Expiry’
अब आते हैं SEBI के 5वें नियम पर – ‘Limiting Weekly Index Expiry’ दलाल स्ट्रीट पर अब एक ही इंडेक्स डेरिवेटिव प्रोडक्ट का साप्ताहिक
एक्सपायरी होगा, यानी NSE और BSE को अपना-अपना एक इंडेक्स प्रोडक्ट चुनना पड़ेगा। यह नियम भी 20 नवंबर 2024 से लागू होगा। यह
कदम सट्टेबाजी को काफी हद तक सीमित करेगा और मार्केट को थोड़ा स्थिर बनाएगा।
आखिरी नियम ‘Increase in Tail Risk Coverage on Expiry Day’
और अब बात करते हैं आखिरी नियम की – ‘Increase in Tail Risk Coverage on Expiry Day’, ऑप्शंस एक्सपायरी के दिन जो अत्यधिक
सट्टेबाजी होती है, उसे नियंत्रित करने के लिए SEBI ने 2% का अतिरिक्त Extreme Loss Margin (ELM) लगाया है।
मतलब, एक्सपायरी के दिन ज्यादा रिस्क लेने वालों को ज्यादा मार्जिन देना पड़ेगा! यह नियम हर साप्ताहिक और मासिक एक्सपायरी पर लागू होगा।
Conclusion
तो दोस्तों, इन नए नियमों का असर क्या होगा? सीधी बात यह है, कि SEBI अब F&O ट्रेडिंग को ज्यादा regulated और disciplined बनाना
चाहता है। ये नियम ज़रूर थोड़े सख्त लग रहे हैं, लेकिन ये हमारे लिए एक प्रोटेक्शन भी हैं।
अगर आप नए ट्रेडर हैं, तो ये नियम आपको ज्यादा सावधानी से काम करने पर मजबूर करेंगे – जो लंबे समय में फायदेमंद होगा।
अब यह आप पर है, कि आप कैसे अपनी स्ट्रेटेजी को इन नए नियमों के मुताबिक एडजस्ट करते हैं! मार्केट मामू का गोल्डन रूल याद रखें – ‘रिस्क को समझो, स्ट्रेटेजी बनाओ, और स्मार्ट काम करो!’
अगर आपके कोई डाउट्स हैं या सवाल हैं, तो कमेंट बॉक्स में पूछें, हमारे एक्सपर्ट्स जवाब देंगे।